शनिवार, 16 दिसंबर 2017

संज्ञा

1. संज्ञा
      ‘संज्ञा’ (सम्+ज्ञा) शब्द का अर्थ है ठीक ज्ञान कराने वाला। अतः “वह शब्द जो किसी स्थान, वस्तु, प्राणी, व्यक्ति, गुण, भाव आदि के नाम का ज्ञान कराता है, संज्ञा कहलाता है।”
उदाहरणार्थ –
• स्थान—भारत, दिल्ली, जयपुर, नगर, गाँव, गली, मोहल्ला।
• वस्तुएँ—पंखा, पुस्तक, मेज, दूध, मिठाई।
• प्राणी—गाय, चूहा, तितली, पक्षी, मछली, बिल्ली।
• व्यक्ति—राम, श्याम, कृष्ण, महेश, सुरेश।
• गुण, अवस्था या भाव—बचपन, बुढ़ापा, मिठास, सर्दी, सौन्दर्य, अपनत्व।
 संज्ञा के भेद –
      हिन्दी भाषा मेँ संज्ञा के मुख्य रूप से तीन भेद ही माने गये हैँ—(1)व्यक्तिवाचक संज्ञा (2) जातिवाचक संज्ञा (3) भाववाचक संज्ञा। द्रव्यवाचक और समूहवाचक संज्ञा शब्दोँ को जातिवाचक संज्ञा ही माना जाता है।
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा –
      जिन संज्ञा शब्दोँ से किसी एक ही व्यक्ति, वस्तु या स्थान विशेष का पता चलता है, उन शब्दोँ को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैँ। जैसे –
• व्यक्तियोँ के नाम—राम, श्याम, मोहन, कमला, कविता, सुशीला, शबनम आदि।
• दिशाओँ के नाम—उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, नैऋत्य, आग्नेय आदि।
• देशोँ के नाम—भारत, पाकिस्तान, चीन, जापान, नेपाल आदि।
• नदियोँ के नाम—गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी आदि।
• सागरोँ के नाम—अरब सागर, हिन्द महासागर, लाल सागर आदि।
• पर्वतोँ के नाम—हिमालय, सतपुड़ा, अरावली, विंध्याचल आदि।
• नगरोँ के नाम—अजमेर, आगरा, मथुरा, दिल्ली, लखनऊ आदि।
• समाचार–पत्रोँ के नाम—राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, दैनिक अम्बर, अमर उजाला आदि।
• पुस्तकोँ के नाम—रामायण, महाभारत, रामचरितमानस, साकेत, अंधायुग आदि।
• दिनोँ के नाम—सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि।
• महीनोँ के नाम—जनवरी, फरवरी, चैत्र, वैशाख आदि।
• ग्रह–नक्षत्रोँ के नाम—सूर्य, चन्द्रमा, पृथ्वी, शनि, मंगल आदि।
• त्यौहारोँ के नाम—होली, दीपावली, तीज, ईद, गणगौर आदि
2. जातिवाचक संज्ञा –
      जिन संज्ञा शब्दोँ से एक जाति के सभी प्राणियोँ या पदार्थोँ अथवा सम्पूर्ण जाति, वर्ग या समुदाय का बोध होता है, उन्हेँ जातिवाचक संज्ञा कहते हैँ। जैसे– मनुष्य, घोड़ा, नगर, पर्वत, स्कूल, गाय, फूल, पुस्तक, पशु, पक्षी, छात्र, खिलाड़ी, सब्जी, माता, मन्त्री, पण्डित, जुलाहा, अध्यापक, कवि, लेखक, जन, बहिन, बेटा, पहाड़, स्त्री, क्षत्रिय, प्रभु, वीर, विद्वान, चोर, शिशु, ठग, सेना, दल, कुंज, कक्षा, भीड़, सोना, दूध, पानी, घी, तेल आदि।
3. भाववाचक संज्ञा –
      जिन संज्ञा शब्दोँ से किसी व्यक्ति, वस्तु और स्थान के गुण, दोष, भाव, दशा, व्यापार आदि का बोध होता है, उन्हेँ भाववाचक संज्ञा कहते हैँ। जैसे– सत्य, बचपन, बुढ़ापा, सफलता, मिठास, मित्रता, हरियाली, मुस्कुराहट, लघुता, प्रभुता, वीरता, चूक, लड़कपन, जवानी, ठगी, डर आदि।
      भाववाचक संज्ञा मुख्य रूप से पाँच प्रकार से बनती है। जैसे –
(1) जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा –
मानव - मानवता
दास - दासता
बच्चा - बचपन
स्त्री - स्त्रीत्व
व्यक्ति - व्यक्तित्व
क्षत्रिय - क्षत्रियत्व
प्रभु - प्रभुता, प्रभुत्व
वीर - वीरता, वीरत्व
बंधु - बंधुत्व
देव - देवता, देवत्व
पशु - पशुता, पशुत्व
ब्राह्मण - ब्राह्मणत्व
मित्र - मित्रता
विद्वान - विद्वता
चोर - चोरी
युवक - यौवन
मनुष्य - मनुष्यता, मनुष्यत्व।
(2) सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा –
अजनबी - अजनबीपन
मम - ममता, ममत्व
स्व - स्वत्व
आप - आपा
पराया - परायापन
सर्व - सर्वस्व
निज - निजता, निजत्व
अहं - अहंकार
अपना - अपनापन, अपनत्व।
(3) क्रिया से भाववाचक संज्ञा –
खेलना - खेल
थकना - थकावट
लड़ना - लड़ाई
बहना - बहाव
भूलना - भूल
हँसना - हँसी
देखना - दिखावा
सुनना - सुनवाई
चुनना - चुनाव
धोना - धुलाई
पढ़ना - पढ़ाई
रुकना - रुकावट
लिखना - लिखाई
जीतना - जीत
जीना - जीवन
सीना - सिलाई
जलना - जलन
सजाना - सजावट
बसना - बसावट
गाना - गान
बैठना - बैठक
बिकना - बिक्री
कमाना - कमाई।
(4) विशेषण से भाववाचक संज्ञा –
आवश्यक - आवश्यकता
युवक - यौवन
छोटा - छुटपन
सुन्दर - सुन्दरता, सौन्दर्य
शिष्ट - शिष्टता
ललित - लालित्य
सफेद - सफेदी
निपुण - निपुणता
भयानक - भय
काला - कालिम
लाल - लालिमा
सूक्ष्म - सूक्ष्मता
हरा - हरियाली
मीठा - मिठास
महान - महानता
स्वस्थ - स्वास्थ्य
लम्बा - लम्बाई
भूखा - भूख।
(5) अव्यय शब्दोँ से भाववाचक संज्ञा –
धिक् - धिक्कार
ऊपर - ऊपरी
दूर - दूरी
चतुर - चातुर्य
निकट - निकटता
मना - मनाही
नीचे - नीचाई
तेज - तेजी
बाहर - बाहरी।

6 टिप्‍पणियां:

History of Taj mahal

The Taj Mahal (/ˌtɑːdʒ məˈhɑːl, ˌtɑːʒ-/;[3] meaning "Crown of the Palace"[4]) is an ivory-white marble mausoleum on the south ban...