शनिवार, 16 दिसंबर 2017

पद–विचार


4. पद–विचार
 पद की परिभाषा –
      सार्थक वर्ण या वर्णोँ के समूह को शब्द कहा जाता है। शब्द साभिप्राय होते हैँ। जब कोई सार्थक शब्द वाक्य मेँ प्रयुक्त होता है तब उसे ‘पद’ कहते हैँ। व्याकरण के नियमोँ के अनुसार विभक्ति, वचन, लिँग, काल आदि की योग्यता रखने वाला वर्णोँ का समूह ‘पद’ कहलाता है। जैसे– राम विद्यालय जायेगा। यह वाक्य ‘राम’, ‘विद्यालय’ और ‘जायेगा’ तीन पदोँ से बना है।
 पद–भेद :
      हिन्दी में पद के पाँच भेद या प्रकार माने गये हैं –
(1) संज्ञा (2) सर्वनाम (3) क्रिया (4) विशेषण (5) अव्यय।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

History of Taj mahal

The Taj Mahal (/ˌtɑːdʒ məˈhɑːl, ˌtɑːʒ-/;[3] meaning "Crown of the Palace"[4]) is an ivory-white marble mausoleum on the south ban...