ओम थानवी
जन्म सन् 1957 मेँ। शिक्षा-दीक्षा बीकानेर मेँ। राजस्थान विश्वविद्यालय से व्यावसायिक प्रशासन मेँ एम.कॉम । एडीटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया के
महासचिव । 1980 रने 1989 तक नौ वर्ष 'राजस्थान पत्रिका' मेँ रहे। 'इतवारी पत्रिका' के संपादन ने साप्ताहिक को विशेष प्रतिष्ठा दिलाई। सजग और बौद्धिक समाज मेँ इतवारी पत्रिका ने अपने दौर मेँ विशिष्ट स्थान बनाया। अपने सामाजिक और सांस्कृतिक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं। अभिनेता
और निर्देशक के रूप मेँ स्वयं रंगमंच पर सक्रिय रहे हैं। साहित्य, कला, सिनेमा,
वास्तुकला, पुरातत्त्व और पर्यावरण मेँ गहन दिलचस्पी रखते हैं। अस्सी के दशक मेँ सेंटर फ़ॉर साइंस एनवायरमेंट (सीएसई) की फ़ेलोशिप पर राजस्थान के पारंपरिक जल-स्रोतों पर
खोजबीन कर विस्तार से लिखा। पत्रकारिता के लिए अन्य पुरस्कारों के साथ गणेशशंकर विद्यार्थी पुरस्कार प्रदत्त । 1999 से संपादक के नाते दैनिक जनसत्ता दिल्ली और कलकत्ता के के संस्करणोँ का दायित्व सँभाला । पिछले 17 वर्षोँ से इंडियन एक्सप्रेस समूह के हिंदी दैनिक 'जनसत्ता' मेँ संपादक के रूप मेँ कार्यरत ।
जन्म सन् 1957 मेँ। शिक्षा-दीक्षा बीकानेर मेँ। राजस्थान विश्वविद्यालय से व्यावसायिक प्रशासन मेँ एम.कॉम । एडीटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया के
महासचिव । 1980 रने 1989 तक नौ वर्ष 'राजस्थान पत्रिका' मेँ रहे। 'इतवारी पत्रिका' के संपादन ने साप्ताहिक को विशेष प्रतिष्ठा दिलाई। सजग और बौद्धिक समाज मेँ इतवारी पत्रिका ने अपने दौर मेँ विशिष्ट स्थान बनाया। अपने सामाजिक और सांस्कृतिक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं। अभिनेता
और निर्देशक के रूप मेँ स्वयं रंगमंच पर सक्रिय रहे हैं। साहित्य, कला, सिनेमा,
वास्तुकला, पुरातत्त्व और पर्यावरण मेँ गहन दिलचस्पी रखते हैं। अस्सी के दशक मेँ सेंटर फ़ॉर साइंस एनवायरमेंट (सीएसई) की फ़ेलोशिप पर राजस्थान के पारंपरिक जल-स्रोतों पर
खोजबीन कर विस्तार से लिखा। पत्रकारिता के लिए अन्य पुरस्कारों के साथ गणेशशंकर विद्यार्थी पुरस्कार प्रदत्त । 1999 से संपादक के नाते दैनिक जनसत्ता दिल्ली और कलकत्ता के के संस्करणोँ का दायित्व सँभाला । पिछले 17 वर्षोँ से इंडियन एक्सप्रेस समूह के हिंदी दैनिक 'जनसत्ता' मेँ संपादक के रूप मेँ कार्यरत ।
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